Man Aur Beti Ki Hindi Kahani – मां और बेटी की कहानी – Maa Ki Kahani बेटी का माँ के प्रति प्यार, मेरे घर के सामने एक घर में एक साधारण सी नौकरी करने वाला व्यक्ति अपनी पत्नी और एकलौती चौदह वर्षीय बेटी रवीना के साथ रहता था।
बेटी का माँ के प्रति प्यार Beti Ki Kahani रवीना के पापा और मम्मी उसे बहुत प्यार करते थे क्योंकि यह उनकी एकलौती संतान थी।
और शादी के 9 वर्ष बाद पहली संतान हुई थी। वे अपनी बेटी को बहुत ही लाड़-प्यार से पाल रहे थे।
और उसकी हर इच्छा पूरी करते थे। वे उसे किसी भी चीज की कमी महसूस नही होने देते थे।

Man Aur Beti Ki Hindi Kahani – मां और बेटी की कहानी – Maa Ki Kahani
एकलौती संतान होने के कारण वह बहुत ही जिद्दी और शरारती लड़की थी।
एक दिन रवीना ने बहुत ही खूबसूरत नई चप्पल लाने की जिद की।
उसके पापा ने कहा वह नई चप्पल एक या दो दिन में ला कर के दे देंगे।
दूसरे दिन उसके पापा बाज़ार से बहुत ही खूबसूरत चप्पल बेटी रवीना के लिए ले आए।
चप्पल ले कर वह बहुत खुश हुई और वह उन चप्पलों को पहन कर पूरा दिन उछल-कूद करती रही।
पर अगले ही दिन मैं आश्चर्यचकित रह गया, जब मैंने रवीना को ये कहते हुए सुना की, “माँ ये नई चप्पल मैं नहीं पहनूँगी, ये मुझे अच्छी नही लगी, इनसे तो अच्छी मेरी पुराने वाली ही है, मैं तो वही पहनूँगी।”
मुझे उसकी हरकत पर गुस्सा भी आया और उसके पल पल बदलते व्यवहार को देखकर हैरानी भी हुई।
Man Aur Beti Ki Hindi Kahani – मां और बेटी की कहानी – Maa Ki Kahani
Beti Ki Kahani शाम को जब मैं टहलने के लिए निकला तो मुझे रवीना घर के दरवाजे पर खेलती हुई मिली।
मैंने उसे बुलाया और उससे कहा, “गुड़िया, जब आपकों वो महंगी चप्पल पहननी ही नहीं थी,
तो मँगवाई ही क्यों, और अब तो वो वापस भी नहीं हो सकती क्योंकि आपने उन्हें कल पूरे दिन पहने रखा।”
मेरी बात सुनकर वो हसने लगी और बोली, “भैया ये सब मैं मम्मी के लिए करती हूँ।
मेरी मम्मी की चप्पलें घिस गई थी। मेरे पापा की तनख्वा ज्यादा नहीं हैं।
मम्मी पापा की स्थिति समझती हूँ , इसलिए अपने लिए नई चपप्ले नहीं मँगवा रही थी।
पर पापा मेरे लिए सब ला देते हैं। और मम्मी भी तो अपना सारा प्यार मुझपे ही लूटाती हैं।
बस मैंने बहाने से चप्पलें मँगवाई थी।
और इसी लिए उनको पूरा दिन पहन के घूमी थी के दुकान वाले भैया को वापिस न की जा सके।
अब मम्मी उन चप्पलों को पहन कर कहीं भी आ जा सकेंगी।
इतनी कम उम्र में माँ के प्रति इतनी प्यारी सोच और प्यार देख के मैं बहुत खुश हुआ, और उस दिन से उसके प्रति मेरा नजरिया जो जिद्दी और अति शरारती लड़की का था वो बदल गया।
इसलिए कहते हैं बेटी कभी भी, कहीं भी हो उसकी जान अपनी माँ में ही बसती हैं।
सच में माँ बेटी का रिश्ता अनमोल होता है।
READ ALSO HINDI KAHANI
Char Dosto Ki Hindi Kahani – True Friendship Story In Hindi
Garib Ki Kahani – गरीब मज़दूर की कहानी – Garib Majdur Ki Kahani
दोस्तों आपको Man Aur Beti Ki Hindi Kahani – मां और बेटी की कहानी – Maa Ki Kahani ये पोस्ट कैसी लगी। हमें comment करके अपने विचार दे।
हमें बहुत ख़ुशी होगी और आपका 1 कमेंट हमें लिखने को प्रोत्साहित करता और हमारा जोश बढ़ाता है। इस पोस्ट को अपने दोस्तों के साथ Share ज़रूर करें। जानकारी को ज्यादा से ज्यादा शेयर करना न भूलें।
Thanks For Reading Man Aur Beti Ki Hindi Kahani – मां और बेटी की कहानी – Maa Ki Kahani